OPS Updates :- NPS के विरोध में केंद्र कर्मचारियों का विरोध तेज, लोकसभा चुनाव से पहले जाएंगे रेल्वे, डिफेंस और अन्य असैन्य कर्मी हड़ताल पर।

OPS Updates :- NPS के विरोध में केंद्र कर्मचारियों का विरोध तेज, लोकसभा चुनाव से पहले जाएंगे रेल्वे, डिफेंस और अन्य असैन्य कर्मी हड़ताल पर।

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पिछले कई सालों से केंद्र के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग चल रही है। कुछ राज्यों में जहा गैर BJP सरकारे है वहां पर उन राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल कर दी है। अब केंद्रीय कर्मचारियों ने भी अपनी पेंशन को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। देशभर में ‘पुरानी पेंशन बहाली’ को लेकर सरकारी कर्मियों की मुहिम चल रही है। केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन, पुरानी पेंशन पर निर्णायक लड़ाई की ओर बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार में सबसे ज्यादा कर्मियों की संख्या वाले दो बड़े महकमे, रेलवे और डिफेंस (सिविल) में सोमवार को ‘पुरानी पेंशन’ की मांग पर राष्ट्रव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेने के लिए वोटिंग कराई गई। कर्मचारियों ने 95% जादावोट हड़ताल के पक्ष में किया, अनिश्चितकालीन हड़ताल के पक्ष में वोट होने के कारण, तो बहुत जल्द देश में रेल थम जाएंगी, आयुद्ध कारखाने, जो अब निगमों में तब्दील हो चुके हैं, वहां पर काम बंद हो जाएगा।

BMS के प्रतिनिधि मंडल को सरकार ने चर्चा के लिए बुलाया

भारतीय मजदूर संघ के द्वारा दिल्ली में NPS को हटाकर OPS बहाली की मांग के लिए आंदोलन किया गया 24 दिसंबर को अर्थमंत्री निर्मला सीतारमन जी ने BMS के प्रतिनिधि मंडल चर्चा के लिए बुलाया था। उसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार NPS में सुधार कर रिटायर होने वाले कर्मियों के पेंशन को सुधार कर सकती है। लेकिन बीते दिनों वित्त मंत्रालय ने जो कमेटी बनाई है, उसमें ‘ओपीएस’ का जिक्र ही नहीं है। उसमें तो एनपीएस में सुधार की बात कही गई है। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार, ओपीएस लागू करने के मूड में नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस में चाहे जो भी सुधार किया जाए, कर्मियों को वह मंजूर नहीं है।

अनिश्चितकालीन हड़ताल ही OPS के लिए एक मात्र विकल्प


कामगार संगठनो द्वारा गठित नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NJCA) संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद ‘जेसीएम’ के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा था, “लोकसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन लागू नहीं होती है, तो भाजपा को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मियों, पेंशनरों और उनके रिश्तेदारों को मिलाकर यह संख्या दस करोड़ के पार चली जाती है। चुनाव में बड़ा उलटफेर करने के लिए यह संख्या निर्णायक है।

क्या है नई पेंशन स्कीम (NPS)?
2004 के बाद केन्द्र सरकार की सेवा शामिल हुए कर्मियों के लिए केंद्र के तत्कालीन सरकार (BJP) ने पुरानी पेंशन को बंद करके नई पेंशन योजना लाई जिसमें कर्मचारियों के बेसिक और महँगाई भत्ते से 10% की कटिंग होती है और 14% केंद्र सरकारन एक हिस्सा डालती है। वह पैसा अलग अलग तीन पेन्शन फंड में लगा है।

क्यूँ हो रहा है पेंशन स्कीम (NPS) का विरोध?
पुरानी पेंशन व्यवस्था मे कर्मचारियों को पेंशन के लिए मूल वेतन से कोई कटौती नहीं करानी पडती है। जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है तो उसे उसके बेसिक का आधा पेन्शन के रूप मे मिलता है और अलग से उसपर DA।
लेकिन नई पेंशन प्रणाली में बेसिक और महँगाई भत्ते से 10% की कटिंग होती है और 14% केंद्र सरकारन एक हिस्सा डालती है। इसमे जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है तो जमा पूंजी का एक हिस्सा एक साथ दिया जाता है और बचे हुए हिस्से पर पेंशन दी जाती है। जो पुराने पेंशन के मुकाबले में बहुत कम है।

NPS Vs OPS फरक क्या है?
इस साल सेवानिवृत्त (15 साल की सेवा के बाद) हुए एक कर्मी की बेसिक ₹40000 थी, अगर वह OPS में होता तो उसे ₹20000+DA इतनी पेंशन मिलती। लेकिन उस व्यक्ती को NPS मैं सिर्फ ₹4300 पेंशन मिली। इसलिये कर्मचारियों मैं NPS को लेकर जादा विरोध है।

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