NPS (एन पी एस) में बदलाव की तैयारी, OPS की मांग नहीं मानेगी सरकार। ला सकती है आंध्र का मॉडेल। 8 वे पे कमिशन के गठण उम्मीद।
देशभर में सरकारी कर्मचारियों का NPS (न्यू पेन्शन स्कीम) रद्द करने और OPS (ओल्ड पेन्शन स्कीम) लागू करने के लिए आंदोलन चल रहा है। कई गैर BJP शासित राज्यों में OPS की बहाली कर दी गई है। इस आंदोलन में केंद्र सरकार के कर्मचारी और राज्यों सरकार के कर्माचारि भी शामिल है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के कर्माचारियों ने भी इसी मांग को लेकर हड़ताल की थी। केंद्र सरकार पर दबाव बनाने और अपनी मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए केंद्रीय कर्मचारी रामलीला मैदान पर कई महीनों से धरना या अन्य आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि सरकार अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है कि OPS की पुन: बहाली देश की अर्थव्यवस्था के हित में नहीं हैं, इसलिए इसे बहाल नहीं किया जा सकता है। लेकिन कर्माचारियों के प्रदर्शन के बाद सरकार ने NPS में कुछ सुधार करने के लिए एक कमिटी का गठन किया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!देश में पेंशन भोगियों की संख्या
सरकार ने लोकसभा में दिए जानकारी के अनुसार देशभर में केंद्रीय पेन्शन भोगियों की कुल संख्या 67,95,449 इतनी है। जिसमें, 11,41,985 सिविल पेंशनधारक, 33,87,173 रक्षा पेन्शन धारक ( रक्षा सिविल पेन्शन धारक सहित), 4,38,758 दूरसंचार पेंशनधारक और 15,25,768 रेल्वे पेंशनधारक।
इन राज्यों में हुई है NPS को हटाकर OPS की बहाली
जिन गैर BJP शासित राज्यों में OPS की बहाली हुई है उनमे राजस्थान, छत्तीसगड, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं। इन राज्यों ने अपना निर्णय केंद्र सरकारन और पेंशन निधी नियामक और विकास प्राधिकरण को भो बता दिया है। इनमें से पंजाब को छोड़कर NPS अंशदान बंद कर के NPS की जमा रक्कम निकास की प्रोसेसिंग शुरू कर दी है। वहीं पंजाब सरकार ने NPS की कटौती को जारी रखा है।
NPS / OPS के मुद्दे पर सरकार ने कहा
डिसेंबर, 2023 में संसद में सांसद ए राजा और ए गणेशमूर्ती द्वारा पूछे गए सवाल पर सरकार की ओर से साफ कर दिया है कि, 2004 के बाद कर्मचारियों के संगठनों की ओर से कई बार OPS की बहाली को लेकर अनुरोध पत्र मिले हैं। लेकिन सरकार के पास NPS को हटाकर OPS की बहाली का कोई भी प्रस्ताव नहीं है। हालाँकि कर्मचारियों के अनुरोध पर, सरकार ने NPS में कुछ सुधार करने के लिए वित्त सचिव के अध्यक्षता में एक कमिटी का गठण किया है।
आंध्र के मॉडेल पर हो सकता है विचार
मिडीया में छपी ख़बरों के मुताबिक, एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि आंध्र प्रदेश के NPS योजना के तरह हो सकता है बदलाव, आंध्र के राज्यकर्मचारियों को जो NPS दी गई है वह भी मार्केट के पर आधारित है लेकिन वह कर्मचारी को निवृत्ती के समय अपने बेसिक वेतन का 40% से 50% पेंशन की ग्यारंटी देती है। केंद में लगभग 23.86 लाख कर्मचारी NPS के दायरे में आते हैं। समिति अपना रिपोर्ट साल के अंत तक सरकार को सौंप कर सरकार अपना रुख इलेक्शन से पहले साफ कर सकती है।
क्या है नई पेंशन स्कीम (NPS)?
2004 के बाद केन्द्र सरकार की सेवा शामिल हुए कर्मियों के लिए केंद्र के तत्कालीन सरकार (BJP) ने पुरानी पेंशन को बंद करके नई पेंशन योजना लाई जिसमें कर्मचारियों के बेसिक और महँगाई भत्ते से 10% की कटिंग होती है और 14% केंद्र सरकारन एक हिस्सा डालती है। वह पैसा अलग अलग तीन पेन्शन फंड में लगा है।
क्यूँ हो रहा है पेंशन स्कीम (NPS) का विरोध?
पुरानी पेंशन व्यवस्था मे कर्मचारियों को पेंशन के लिए मूल वेतन से कोई कटौती नहीं करानी पडती है। जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है तो उसे उसके बेसिक का आधा पेन्शन के रूप मे मिलता है और अलग से उसपर DA।लेकिन नई पेंशन प्रणाली में बेसिक और महँगाई भत्ते से 10% की कटिंग होती है और 14% केंद्र सरकारन एक हिस्सा डालती है। इसमे जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होता है तो जमा पूंजी का एक हिस्सा एक साथ दिया जाता है और बचे हुए हिस्से पर पेंशन दी जाती है। जो पुराने पेंशन के मुकाबले में बहुत कम है।
NPS Vs OPS फरक क्या है?
इस साल सेवानिवृत्त (15 साल की सेवा के बाद) हुए एक कर्मी की बेसिक ₹30000 थी, अगर वह OPS में होता तो उसे ₹15000+DA इतनी पेंशन मिलती। लेकिन उस व्यक्ती को NPS मैं सिर्फ ₹2800 पेंशन मिली। इसलिये कर्मचारियों मैं NPS को लेकर जादा विरोध है।
कर्मचारियों को आशा है कि, सरकार लोकसभा इलेक्शन से पहले 8 वे वेतन आयोग के गठण करने की घोषणा करेगी।