कौन होगा छत्रपती संभाजीनगर का सांसद (खासदार)? क्या इम्तियाज जलील को हरा पायेगे बीजेपी और अन्य..?

देश में बहुत ही जल्द लोकसभा के चुनाव होने वाले, उसके लिए इलेक्शन कमिशन ने अपने नोटिफिकेशन से तारीख भी जारी कर दी है। ऐसे में UP के बाद महाराष्ट्र पर सारी पार्टियों की नज़रे होती है। महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण चुनाव क्षेत्र है छत्रपती संभाजीनगर (औरंगाबाद)। कई सालों से इस चुनाव क्षेत्र से शिवसेना के चंद्रकांत खैरे सांसद रहे लेकिन पिछले इलेक्शन में AIMIM के इम्तियाज जलील ने उन्हें हराकर शिवसेना के राज को ख़त्म किया। पिछले इलेक्शन में लढाई हर्षवर्धन जाधव,  चंद्रकांत खैरे और इम्तियाज जलील में था,  जिसमें इम्तियाज जलील को जीत मिली थी। इस बार का गणित बहुत बदल चुका है। शिवसेना की पकड़ इस चुनाव क्षेत्र से कम हो चुकी है और BJP के समर्थक बढ़ चुके है। ऐसे में देखना यह है कि कौन इस बार सांसद बनता है। इस चुनाव क्षेत्र से इस बार एक दो नहीं तो कई उमेदवार देखने को मिल सकते है। जैसे इम्तियाज जलील, चंद्रकांत खैरे,  हर्षवर्धन जाधव, भागवत कराड, अतुल सावे, अंबादास दानवे, स्वामी शांतिगिरी महाराज, अब्दुल सत्तार आदी।

क्या छत्रपती संभाजीनगर का मुकाबला दो विद्यमान सांसदो के बीच होगा ?

पिछले बार का मुकाबला हर्षवर्धन जाधव और चंद्रकांत खैरे के बीच है ऐसा माना गया लेकिन जिस दिन नतीजे सामने आए तो वो सबको चौकाने वाले थे, इम्तियाज जलील जिन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो चुनाव जीत जायेंगे और सांसद बनेंगे। लेकिन इस बार माहौल अलग है, इस बार BJP बड़ी मजबूती के साथ अपना उमेदवार मैदान मे उतारेगी। शिवसेना (शिंदे गुट), NCP (अजित पवार गुट) और BJP मिलकर एक उमेदवार मैदान मे उतारेगी। AIMIM की और से इम्तियाज जलील एक बार फिर मैदान मे हो सकते है। BJP की और से राज्यसभा सांसद और केन्द्रीय मंत्री भागवत कराड और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अतुल सावे का नाम चर्चा में है। निर्दलीय उमेदवार हर्षवर्धन जाधव भी लोकसभा की तैयारी में जुटे हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि आनेवाला इलेक्शन राज्यसभा के सांसद और लोकसभा के सांसद के बीच हो सकता है।

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अब की बार मोदीजी का खासदार (सांसद) (छत्रपती संभाजीनगर)

BJP की और से कॅम्पेन चलाया जा रहा है जिसमें यह कहा जा रहा है कि, ‘अब की बार मोदीजी का खासदार’ । पिछले दो सालों से ही BJP के संगठन ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू की है। गाव गाव में जाकर, बूथ प्रमुखों और अपने कार्यकर्ताओं की बैठकों का मंजर चल रहा है। BJP अपने दोनों मुख्य सहयोगी पार्टियों की सहयोग से चुनाव लढने की तैयारी कर रही है। शिवसेना का गड जो आज BJP के पास जाता हुआ दिख रहा है। अब देखना यह है कि, क्या अतुल सावे को BJP अपना उमेदवार घोषित करती है या भागवत कराड को?

शिवसेना (UBT) की और से दो नाम की चल रही है चर्चा (छत्रपती संभाजीनगर)

कई साल पूरे छत्रपती संभाजीनगर जिले मे शिवसेना का राज हुआ करता था। लेकिन 2019 के बाद परिस्थिति बदल चुकी है। जिले का सांसद MIM का है, तो विधानसभा की कुछ सीटें BJP के पास जा चुकी है। शिवसेना में दरार आने के बाद अब शिवसेना काफी कमजोर हो चुकी है। शिवसेना (UBT) की और से विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे और पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे की नाम की चर्चा है।

पूर्व MLA हर्षवर्धन जाधव भी मैदान मे

पूर्व MLA हर्षवर्धन जाधव जिन्होंने पिछली बार अच्छे वोट पाए थे। और उन पर यह आरोप-प्रत्यारोप भी हुए कि उनकी वज़ह से शिवसेना को हार का सामना करना प़डा और MIM के इम्तियाज जलील चुनाव जीते। हर्षवर्धन जाधव जिन्होंने कुछ दिन पहले BRS पार्टी मे प्रवेश किया था, लेकिन अब वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे सांसद का चुनाव लड़ेंगे। हर्षवर्धन जाधव अपने घरेलु विवादों के कारण भी काफी चर्चा मे बने रहे है। मराठा समाज और किसान वर्ग के नेता के रूप में वह कार्यरत है। किसानो के बीमा राशि, लाइट बिल आदि आंदोलन यशस्वी रहे हैं।

शिवसेना (Shinde) गुट से भी इच्छुक 3 प्रत्याशी अब्दुल सत्तार, संदीपान भूमरे और संजय शिरसाट भी लोकसभा के लिए इच्छुक है लेकिन BJP के खाते में सीट जाने की संभावना जादा होने के कारण इनके नाम की चर्चा पर विराम लगता हुआ दिख रहा है। और अन्य एक नाम आता है विनोद पाटील जिन्हें मराठा समन्वयक के तौर पर जाना जाता है।

इसतरह से छत्रपती संभाजीनगर जिले मे लोकसभा चुनाव मे…इम्तियाज जलील – AIMIM

भागवत कराड- BJP

अतुल सावे- BJP

चंद्रकांत खैरे- शिवसेना (UBT)

अंबादास दानवे- शिवसेना (UBT)

हर्षवर्धन जाधव- निर्दलीय

अब्दुल सत्तार- शिवसेना (Shinde)

संदीपान भूमरे- शिवसेना (Shinde)

विनोद पाटील-

छत्रपति संभाजीनगर के चुनाव के बारे मे….अगर BJP, NCP(AP) और शिवसेना (shinde) का एक प्रत्याशी, शिवसेना (UBT), NCP (SP) और कॉंग्रेस का एक प्रत्याशी, AIMIM का एक प्रत्याशी, हर्षवर्धन जाधव और अन्य चुनाव में उतरने पर AIMIM को जादा फायदा हो सकता है। हार जीत किसकी होगी यह तो चुनावी नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा।